5.10.07

खुदाया

तेरी मशहूर मौजूदगी में हाकीकट है अगर,

तो ऐ काफीरों के खुदाया ...

आज इस ज़मीन पर उतर ...

देख तेरी बंदी का गम... तेरी कायनात से ज़्यादा है!

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